समोत्पाद वक्र विश्लेषण | Iso-Product Curve Analysis

समोत्पाद वक्र विश्लेषण  (iso-product curve analysis) उत्पादन साधनों के इष्टतम (न्यूनतम लागत) संयोग को ज्ञात करने में सहायक है किसी वस्तु का उत्पादन उत्पत्ति के विभिन्न साधनों के संयुक्त रूप से कार्य करने का प्रतिफल होता है उत्पादन की प्रक्रिया में उत्पादक यह प्रयास करता है कि वह कम से कम लागत पर अधिक से अधिक उत्पादन करें।

Iso-Product Curve Analysis-इसके लिए वह विभिन्न साधनों के अनुकूलतम संयोग की खोज करता है साधनों के इस अनुकूलतम संयोग की खोज की समस्या का समाधान समोत्पाद वक्रों अथवा सम मात्रा वक्रों की सहायता से किया जा सकता है।

समोत्पाद वक्र अथवा सम मात्रा वक्र

एक  iso-product curve दो साधनों के उन विभिन्न संयोगों को प्रदर्शित करता है जिनसे उत्पादन की एक समान मात्रा (एक निश्चित मात्रा) प्राप्त की जा सकती है जिस प्रकार अनधिमान वक्र दो वस्तुओं के उन संयोगों को व्यक्त करता है जिन से उपभोक्ता को समान संतुष्टि प्राप्त होती है उसी तरह सम-उत्पाद दो साधनों के उन विभिन्न संयोगों को दर्शाता है जिनसे समान मात्रा में उत्पादन होता है।

 

 समोत्पाद वक्र की विशेषताएं

iso-product curve की विशेषताओं को संक्षेप में निम्नलिखित रूप से व्यक्त किया जा सकता है।

  1. एक समोत्पाद वक्र पर स्थित सभी बिंदु जो साधनों के उन विभिन्न संयोगों को प्रदर्शित करते हैं जिनसे वस्तु की एक निश्चित मात्रा उत्पादित की जा सकती है।
  2. सम उत्पाद वक्र मूल बिंदु के प्रति उन्नतोदर होता है
  3.  समोत्पाद वक्र बाएं से दाएं नीचे की ओर झुका हुआ होता है।
  4.  iso-product curve जो दूसरे से अधिक ऊंचाई पर दाएं को स्थित होता है उत्पादन के अधिक ऊंचे स्तर को प्रकट करता है।
  5. कोई दो समोत्पाद वक्र एक दूसरे को काट नहीं सकते।
  6.  दो समोत्पाद वक्र के मध्य अनेक समोत्पाद वक्र हो सकते हैं।
  7. कोई समोत्पाद वक्र किसी भी अक्ष को स्पर्श नहीं कर सकता।
  8.  समोत्पाद वक्रों की सहायता से उत्पादन की आर्थिक सीमाओं का अध्ययन किया जा सकता है।

 

समोत्पाद मानचित्र

उत्पाद की विभिन्न मात्राओं को प्रकट करने वाले कई समोत्पाद वक्रों को समोत्पाद मानचित्र कहते हैं। यह बाएं से दाएं उत्तरोक्तर ऊंचे होते जाते हैं समोत्पाद मानचित्र से यह पता चलता है कि एक समोत्पाद वक्र पर दूसरे की तुलना में उत्पादन कितना कम या अधिक होगा।

चित्र में IQ, IQ1, IQ2वक्र समोत्पाद मानचित्र को प्रदर्शित करते हैं। वक्र IQ वस्तु की 100 इकाइयों, वक्र IQ1वस्तु की 200 इकाइयों और वक्र IQ2 वस्तु की 300 इकाइयों का उत्पादन प्रदर्शित करता है जो दो साधनों के नितांत भिन्न संयोगों से उत्पादित किए जा सकते हैं। स्पष्टतया समोत्पाद मानचित्र से यह पता चलता है कि एक  iso-product curve पर दूसरे की अपेक्षा उत्पादन कितना कम या अधिक होगा

इस प्रकार जब कई समोत्पाद वक्रों को जो एक उत्पादक या फर्म के लिए उत्पत्ति की विभिन्न समान मात्राओं को बताती हैं एक ही चित्र में दर्शाया जाता है तब इस चित्र को समोत्पाद मानचित्र कहते हैं। नीचा समोत्पाद वक्र उत्पादन की कम मात्रा को और ऊंचा समोत्पाद वक्र उत्पादन की अपेक्षाकृत अधिक मात्रा को प्रकट करता है।

समोत्पाद वक्र की मान्यताएं-

iso-product curve का निर्माण निम्न मान्यताओं पर आधारित है-

 

  • समोत्पाद वक्र को खींचते समय यह मान लिया जाता है कि किसी वस्तु का उत्पादन करने के लिए दो ही साधन का प्रयोग किया जाता है 2 से अधिक साधनों को प्रयोग में लाने पर उनको रेखा चित्र में प्रदर्शित करना संभव नहीं हो पाता।
  •  यह मान लिया गया है कि उत्पादन की तकनीक दी हुई है तथा इसमें किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं होता।
  •  उत्पादन के साधनों को छोटी-छोटी इकाईयों में विभाजित किया जा सकता है।
  •  यह भी मान्यता है कि उत्पादन की तकनीकी दशाओं के अंतर्गत प्रयुक्त की जाने वाले साधनों का प्रयोग पूरी कुशलता के साथ किया जाता है।

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