आभास लगान का प्रतिपादन मार्शल ने किया मार्शल का यह विचार रिकार्डों के लगान सिद्धांत के ऊपर एक विस्तृत एवं संशोधित तथ्य कहा जा सकता है।
मार्शल के विचार में अनेक उत्पत्ति के साधनों की पूर्ति अल्पकाल में स्थिर एवं बेलोच होती है। इससे पूर्व प्रतिपादित रिकार्डों की विचारधारा के अनुसार लगान का संबंध केवल भूमि से है क्योंकि भूमि की पूर्ति पूर्णत: बेलोच होती है।
Quasi Rent– मार्शल ने इसी बिंदु पर अपनी असहमति व्यक्त की और बताया कि भूमि के अतिरिक्त उत्पत्ति के अन्य साधन जिन्हें मानव निर्मित कहा जा सकता है कि पूर्ति अल्पकाल में पूर्ण बेलोच होती है
Quasi Rent मार्शल के विचार में इन मानव निर्मित पूंजीगत साधनों की पूर्ति भूमि की भांति दीर्घकाल में स्थिर नहीं होती है अतः अल्पकाल में पूंजीगत साधनों द्वारा अर्जित आय को मार्शल ने आभास लगान का नाम दिया
Quasi Rent इस प्रकार आभास लगान का विचार केवल उन साधनों से संबंधित है जिन की पूर्ति अल्पकाल में तो स्थिर होती है परंतु दीर्घकाल में बढ़ाई जा सकती है जैसे मशीन आदि वह आदित्य जो अल्प काल में भूमि को छोड़कर मानव निर्मित साधन प्राप्त करते हैं उसे आभास लगान कहा जाता है।
यहां यह बात स्वत: ही स्पष्ट हो जाती है कि लगान का विचार एक दीर्घकालीन तथ्य है जबकि आभास लगान का विचार एक अल्पकालीन तथ्य है आभास लगान एक अल्पकालीन अस्थाई आधिक्य है जो दीर्घकाल में समाप्त हो जाता है।
मार्शल के उपर्युक्त विचार को स्थानीय एवं हेग ने निम्नलिखित शब्दों में स्पष्ट किया है
” मशीनों की पूर्ति अल्पकाल में निश्चित होती है चाहे उन से प्राप्त आय कम हो अथवा अधिक अतः वह एक प्रकार का लगान अर्जित करती है।
दीर्घकाल में लगान समाप्त हो जाता है क्योंकि यह पूर्ण अथवा शुद्ध लगान नहीं होता बल्कि एक समाप्त हो जाने वाली आय अर्थात आभास लगान ही होता है।”
अल्पकाल में उत्पादन करने के लिए दो प्रकार के साधनों का प्रयोग होता है
- स्थिर साधन एवं
- परिवर्तनशील साधन
इस प्रकार अल्पकाल में स्थिर लागतें तथा परिवर्तनशील लागतें उत्पादन की कुल लागत को निर्धारित करती हैं।
स्थिर लागत उत्पादन की मात्रा से स्वतंत्र होती है अर्थात उत्पादन बंद होने की दशा में भी उत्पादक को अल्पकाल में स्थिर लागत वहन करनी पड़ती है।
लगान का सिद्धांत | Ricardian Theory of Rent
सीमितता लगान Scarcity Rent | भेदात्मक लगान Differential Rant
इसके विपरीत परिवर्तनशील लागतें उत्पादन की मात्रा के साथ बदलती रहती हैं अल्पकाल में उत्पादन जारी रखने के लिए उत्पादक को परिवर्तनशील लागतों के बराबर वस्तु की कीमत अवश्य मिलनी चाहिए।
अल्पकाल में परिवर्तनशील लागत से अधिक जितनी आय होती है वह वस्तुतः स्थिर साधनों के सहयोग के कारण होती है तथा यही अतिरिक्त आय आभास लगान है।
प्रो. बिलास के शब्दों में–
कुल आगम तथा कुल परिवर्तनशील लागतो के अंतर को ही आभास लगान कहा जाता है।
Quasi Rent
कुल आभास लगान= कुल आगम – कुल परिवर्तनशील लागत
औसत आभास लगान = औसत आगम – औसत परिवर्तनशील लागत