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(Characteristics of Indifference Curves)
तटस्थता / उदासीनता वक्रों की विशेषताएँ निम्नलिखित होती हैं-
- उदासीनता वक्र की ढाल बाएं से दाएं नीचे की ओर गिरती हुई होती है।
- अनधिमान वक्र मूल बिंदु की और उन्नतोदर या उत्तल (कन्वैक्स )होते हैं।
- कोई भी तो तटस्थ वक्र एक दूसरे को काट नहीं सकते ।
- ऊंचा तटस्थ वक्र एक नीचे के तटस्थ वक्र से अधिक संतुष्टि को व्यक्त करता है अर्थात उदासीनता वक्र की मूल बिंदु से दूरी अधिमानता क्रम को व्यक्त करती है।
- तटस्थता वक्र पर सीमांत प्रतिस्थापन की दर घटती हुई होती है दो अनधिमान या उदासीनता वक्रों का समानांतर होना अथवा गिरने की दर समान होना आवश्यक नहीं होता क्योंकि सभी अनधिमान अनुसूची में दो वस्तुओं की प्रतिस्थापन की घटती सीमांत दर का नितांत समान होना आवश्यक नहीं है।
मांग वक्र विभिन्न कीमतों पर किसी वस्तु के कितनी मात्रा क्रय की जाएगी को प्रदर्शित करता है तथा कीमत उपभोग वक्र वस्तुओं के उपभोग या मांग के ऊपर मूल्य में होने वाले परिवर्तनों का प्रभाव व्यक्त करता है यह दोनों वक्त सामान जानकारी देते हैं अतः कीमत उपभोग वक्र के आधार पर मांग वक्र को व्यत्पादित किया जा सकता है ।
एक उपभोक्ता साम्य की स्थिति में होता है जब निम्नलिखित दो शर्तों के पूर्ति होती है –
साम्य की स्थिति में बजट रेखा उदासीनता वक्र को अवश्य स्पर्श करती हूं जहां उदासीनता वक्र का ढाल बजट रेखा के ढाल के बराबर होगा अथवा वस्तु एक्स की वस्तु वाई के लिए प्रतिस्थापन की सीमांत दर दो वस्तुओं की कीमतों में अनुपात के समान हो।
उदासीनता वक्र स्पर्श बिंदु पर मूल बिंदु की ओर उन्नतोदर होता हो या वस्तु एक्स के लिए वस्तु वाई के लिए प्रतिस्थापन की सीमांत दर संतुलन के बिंदु पर अवश्य ही घट रही हो।
मजदूरी दर में परिवर्तन का दो परस्पर विपरीत प्रभाव श्रम की पूर्ति के ऊपर दिखाई देता है-
मजदूरी की विधि के कारण प्रतिस्थापन प्रभाव तथा आय प्रभाव जब मजदूरी बढ़ने के कारण श्रमिकों में अधिक आय अर्जित करने की इच्छा होती है तो वह आराम को अधिक कार्य से प्रतिस्थापन करते हैं अर्थात अधिक कार्य करने लगेंगे तथा आराम या विश्राम कम करेंगे इसे प्रतिस्थापन प्रभाव कहते हैं
दूसरी ओर मजदूरी की वृद्धि के कारण श्रमिक कम काम करने लगे तथा आराम को अधिक महत्व देने लगे तो इसे आय प्रभाव कहते हैं यदि प्रतिस्थापन प्रभाव आय प्रभाव से अधिक शक्तिशाली हो तो मजदूरी को बढ़ने पर पूर्ति बढ़ेगी अतः जब मजदूरी दर में वृद्धि की प्रतिक्रिया में व्यक्ति अधिक काम करने लगते तो कार्य को विश्राम से प्रतिस्थापित करते हैं इस स्थिति में विश्राम उनके लिए घटिया वस्तु के समान होती है।
जल हीरा विरोधाभास
क्लासिकी के लेखक एडम स्मिथ जल हीरा विरोधाभास (वाटर डायमंड पैराडॉक्स) को सुलझा नहीं पाए क्योंकि वह (MU) तथा (TU)में भेद नहीं कर सके।
एडम स्मिथ इस तथ्य की व्याख्या करने में असमर्थ रहे हैं कि जल जैसी मानवीय जीवन के लिए अति उपयोगी एवं अनिवार्य वस्तुओं की कीमतें बहुत कम है जबकि हीरे जैसे वस्तु को जो अनावश्यक हैं कि कीमतें बहुत ऊंचे हैं इसे ही जल हीरा विरोधाभास कहा गया ।
किंतु आधुनिक अर्थशास्त्रियों ने सीमांत उपयोगिता (MU) के धारणा द्वारा इस विरोधाभास की समुचित व्याख्या की उनके अनुसार किसी पदार्थ की कीमत उससे प्राप्त कुल उपयोगिता (TU) द्वारा निर्धारित नहीं होती अपितु यह सीमांत उपयोगिता (MU) ही है जो किसी पदार्थ की कीमत निश्चित करता है जल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने के कारण इसकी सीमांत उपयोगिता (MU) बहुत कम अथवा शून्य होती है
अतः इसकी कीमत भी बहुत कम या शून्य होती है दूसरी ओर हीरे दुर्लभ होते हैं इसलिए उनका सापेक्ष सीमांत तुष्टिगुण बहुत अधिक होता है और इस कारण उनकी कीमतें भी बहुत ऊंची होती हैं।
Characteristics of Indifference Curves –मार्शल ने उपयोगिता को गणनावाचक बताया मार्शल यह मानकर चलता है की उपयोगिता गणनसंख्या में मापी जा सकने वाली मात्रा है जिसका भार युटिल में नियत किया जाता जा सकता है जबकि हिक्स एलेन ने अपने उदासीनता वक्र सिद्धांत में बताया की उपयोगिता एक मनोवैज्ञानिक एवं व्यक्तिगत विचार है
इसलिए इसकी गणनावाचक या मात्रात्मकमाप नहीं की जा सकती बल्कि उपयोगिता को केवल क्रमांक आधार पर व्यवस्थित किया जा सकता है उपभोक्ता वस्तुओं के विभिन्न संयोगों को अधिमान के पैमाने पर रखता है और उन्हें पहला दूसरा या तीसरा क्रम देता है।
Characteristics of Indifference Curves –हिक्स एलेन का अनधिमान वक्र उपागम निर्बल क्रमबद्धता परिकल्पना पर आधारित है इस परिकल्पना के अनुसार उपभोक्ता वस्तुओं के विभिन्न आयोगों के मध्य चुनाव के प्रति उदासीन होता है जबकि सैमुएल्सन व्यक्त अधिमान उपागम प्रबल क्रमबद्धता परिकल्पना पर आधारित है।
अर्थात चयन से अभिमान प्रकट होता है एवं मार्शल के गणनावाचक उपागम में तो उसके तुष्टिगुण मानवीय होने के कारण उपभोक्ता अधिक व कम तुष्टिगुण वाले शब्दों का चयन कर सकता है इस प्रकार उपभोक्ता व्यवहार सिद्धांत में अनिश्चितता की दशा के अंतर्गत चयन के साथ व्यक्त अधिमान उपागम एवं मार्शल का गणनावाचक उपागम संबंधित है।
Characteristics of Indifference Curves
घटती सीमांत उपयोगिता नियम के अनुसार जब कोई उपभोक्ता किसी वस्तु की अधिक इकाइयां खरीदता है तो उस वस्तु की सीमांत उपयोगिता कम हो जाते हैं इसलिए उपभोक्ता उस वस्तु के अधिक इकाइयां तभी खरीदेगा जब उसकी कीमत कम हो जाएगी इसी कारण मांग वक्र नीचे की ओर ढालू होता है।
आय प्रभाव
आय प्रभाव जब किसी वस्तु की कीमत कम हो जाती हैं तो उपभोक्ता के वास्तविक आय बढ़ जाती है परिणाम स्वरूप उपभोक्ता उस वस्तु की अधिक मात्रा खरीदता है इसे आय प्रभाव कहते हैं इस कारण भी मांग वक्र नीचे की ओर ढालू होता है ।
प्रतिस्थापन प्रभाव
जब किसी वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने से उत्पन्न प्रतिस्थापन प्रभाव के कारण मांग वक्र नीचे की ओर प्रवृत्त होता है। किसी वस्तु की कीमत कम होने पर परंतु उसके स्थानापन्नों की कीमतों में कोई परिवर्तन न होने पर उपभोक्ता उस वस्तु को स्थानापन्नों के स्थान पर अधिक खरीदेंगे जिससे उसकी मांग बढ़ जाएगी।
इसके विपरीत स्थानापन्नों की कीमतें स्थिर रहने पर वस्तु की कीमत यदि बढ़ जाती है तो उपभोक्ता उस वस्तु का उपयोग कम कर देंगे और स्थानापन्नों को अधिक खरीदेंगे जिससे वस्तु की मांग कम हो जाएगी अतः स्पष्ट है कि कीमत में गिरावट आने पर आय प्रभाव प्रतिस्थापन प्रभाव मिलकर उपभोक्ता की अधिक मात्रा को खरीदने की योग्यता और इच्छा में वृद्धि करते हैं।
अर्थात मांग के नियम का क्रियाशीलन होगा फल स्वरूप मांग वक्र नीचे की ओर प्रवृत्त होगा किसी वस्तु के उत्पादन में वृद्धि एवं कमी का प्रभाव पूर्ति वक्र पर पड़ता है न की मांग वक्र पर।
अनुसंधान के प्रकार (Types of Research)
Research Aptitude (अनुसंधान अभिक्षमता) अनुसंधान: अर्थ, विशेषताएं और प्रकार
2020 New Education Policy-(नई शिक्षा नीति 2020)
समायोजन , CONCEPT of ADJUSTMENT and CHARACTERIZATION